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चालो चालो सखी

Tuesday, 7 July 2009

साहित्य-तुलसीदास


चालो चालो सखी दरशन करल्यो, चालो
रथ चढ रघुनंदन आवत है|
आर बार मोतियन की झलक है
बिच बिच राम बिराजत है॥

सियाराम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न
हनुमत चवर डुलावत है
मृदंग झांझ पखावज बाजे
नारद बीन बजावत है॥१॥

सुर नर मुनि सब दरशन आये
सखियां मंगल गावत है
तुलसीदास आस सघुवर की
चरण चित्त लागावत है॥२॥

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