जय दुर्गे दुर्गति परिहारिणी
Tuesday, 7 July 2009
साहित्य-ब्रह्मानंद
जय दुर्गे दुर्गति परिहारिणी |
शंभु विदारिणी माता भवानी॥
आदि शक्ति परब्रह्म स्वरूपिणि
जग जननी चहूँ वेद बखानी
ब्रह्मा शिव हरि अर्चन कीन्हो
ध्यान धरत सुर नर मुनि ग्यानि ॥१॥
अष्ट भुजा कर खड्ग बिराजे
सिंह सवार सकल वरदानी
ब्रह्मानंद चरण मे आये
भव भय नाश करो महारानी॥२॥
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