आली म्हाने लागे वृंदावन नी को
Tuesday, 7 July 2009
साहित्य-मीराबाई
आली, म्हांने लागे वृंदावन नीको
घर घर तुलसी ठाकुर पूजा
दरसण गोविंदजी को॥
निरमल नीर बहत जमुना में
भोजन दुध दही को
रतन सिंहासन आप बिराजैं
मुकुर धरयो तुलसी को॥१॥
कुंजन कुंजन फिरत राधिका
सबद सुनत मुरली को
मीरा के प्रभू गिरधर नागर
भजन बिना नर फीको ॥२॥
म्हांने=मुझे
फीको = नीरस,व्यर्थ
0 comments:
Post a Comment