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भैरव - बालमवा मोरे सैय्याँ

Tuesday, 4 June 2013

रचना - नियामत ख़ान 'सदारंग'
राग - भैरव
ताल - विलंबित एकताल


स्थायी
बालमवा मोरे सैय्याँ 'सदारंगीले' ॥

अंतरा
हूँ तो तुम बिन तरस गयीली
दरस बेग दिखाओ
ले हो बलय्याँ ॥

Pandit Dr.Nagaraja Rao Havaldar performs :

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