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भैरव - तोरे नगरिया चल बसिया पिया

Tuesday, 4 June 2013

राग - भैरव
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
तोरे नगरिया चल बसिया पिया
बाबुल के देस ना रहूँगी ॥

अंतरा
जो हम से कछु भूल भयो है
राखूँगी अपनी साथ
सास ननद की गारी सहूँगी॥

लिपिबद्ध स्वर
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सा S
तो रे S रि या S
रे रे सा S सा S S S
सि या S पि या बा S बु के S दे S
गम रे S सा S
ना S S हूँ S गी S
S S
जो S से S छु
सां सां सां सां नी रें सां S S S सां S सां सां
भू S यो S है S रा S खूँ S गी S
नी सां नी सां नीसां रेंसां सां
नी S S S सा S S सा S की S
गम रे S सा S
गा S री हूँ S गी S

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