तोडि - दय्याँ बट डूबर भयी
Tuesday, 4 June 2013
रचना - नियामत ख़ान 'सदारंग'
राग - तोडि
ताल - विलंबित एकताल
स्थायी
दय्याँ बट डूबर भयी
मैं का लंगरवा भरन देत ना गगरिया ॥
अंतरा
कैसे मैं जाऊँ विहान तोरे संग री सजनी
प्रीतम ठाड़ो ‘सदारंग’ उचकैय्या ॥
Pandit Ramasheya Jha 'Ramarang' version that has the sam on the pancham
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