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तोडि - बाजो री मुहमद सा

Wednesday, 20 April 2016

रचना - नियामत ख़ान 'सदारंग'
राग - तोडि
ताल - विलंबित तीनताल


स्थायी
बाजो री मुहमद सा धर अनत बधावर,
पूछे मन चित काजे ॥

अंतरा
तन मन धन पाईल, सजनी,
‘सदारंग’ घर राख राख रज ॥

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