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भैरव - हम से करत तुम रार बालम

Saturday, 13 June 2015

राग - भैरव
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
हम से करत तुम रार बालम,
छोडो़ मोरी बैय्यां ॥

अंतरा
सगरी रैन मोरे तड़पत बीती,
तुम बिन कछु नाही सुहावे॥

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