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सिया रघुबर की छबि

Monday 30 December 2019

राग - केदार
ताल - एकताल


स्थायी
सिया रघुबर की छबि देखी,
राम नाम है प्यास जीवन की॥

अंतरा
प्राण तन में जब लग मेरो,
नैनन में बसी मूरत सिया रघुबर की ॥

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