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गावे गुनी

Saturday, 24 November 2018

राग - पूरिया क्ल्याण
ताल - विलंबित एकताल


स्थायी
गावे गुनी गनी का गंधर्व जो,
सारदसे सब गुनी गावे ॥

अंतरा
नाम अनंत गनंत गणेश जो,
ब्रह्म त्रिलोचन पार ना पावे॥

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