आये सब
Saturday, 24 November 2018
राग - पूरिया क्ल्याण
ताल - द्रुत तीनताल
स्थायी
आये सब ब्रिज गोप ललिटि,
ठकी गली जमुना जल न्हाने॥
अंतरा
औछक आये मिले रस ख़ान,
बजावत वेणु सुनावत कान्हा॥
सुभाषितं हारि विशत्यधो गलान्न दुर्जनस्यार्करिपोरिवामृतम्।
तदेव धत्ते हृदयेन सज्जनो हरिर्महारत्नमिवातिनिर्मलम्॥
--बाणभट्टः ("कादम्बरी")
"Heartless people with fine words and Rahu with the Nectar are alike :
unable to consume.
Connoisseurs with fine words and Vishnu with the Kaustubha are alike :
wearing on the heart"
--Bāṇabhaṭṭa (Kādaṃbarī)
राग - पूरिया क्ल्याण
ताल - द्रुत तीनताल
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