भूपाल तोडी - अब मन तो कैसे रिझाऊँ
Saturday, 24 March 2018
रचना - व्यास C R
राग - भूपाल तोडी
ताल - द्रुत तीनताल
स्थायी
अब मन तो कैसे रिझाऊँ, कछु ना सूझे,
कल ना परे, का से कहूँ ये मोरी बिधा ॥
अंतरा
आस लगी मोहे ताल सुरन की,
भेद ना पायो गुनीदास बिना॥
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