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मियाँ मल्हार - बिजुरी चमके बरसे मोहरवा

Saturday, 24 March 2018

राग - मियाँ मल्हार
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
बिजुरी चमके बरसे,
मेहरवा आई बदरिया,
गरज गरज मोहे अतही डरावे ॥

अंतरा
गर गरजे घन बिजली चमके,
पपीहा पिहू पिहू टेर सुनावे,
का करूं कित जाऊं,
मोरा जियरा तरसे ॥

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