Pages

भैरव - तोरे नगरिया चल बसिया पिया

Tuesday, 4 June 2013

राग - भैरव
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
तोरे नगरिया चल बसिया पिया
बाबुल के देस ना रहूँगी ॥

अंतरा
जो हम से कछु भूल भयो है
राखूँगी अपनी साथ
सास ननद की गारी सहूँगी॥

लिपिबद्ध स्वर
x 0
सा S
तो रे S रि या S
रे रे सा S सा S S S
सि या S पि या बा S बु के S दे S
गम रे S सा S
ना S S हूँ S गी S
S S
जो S से S छु
सां सां सां सां नी रें सां S S S सां S सां सां
भू S यो S है S रा S खूँ S गी S
नी सां नी सां नीसां रेंसां सां
नी S S S सा S S सा S की S
गम रे S सा S
गा S री हूँ S गी S

Read more...

भैरव - धन धन मूरत कृष्ण मुरारी

राग - भैरव
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
धन धन मूरत कृष्ण मुरारी
सुलछ्छन गिरिधारी
छबी सुंदर लागे अति प्यारी ॥

अंतरा
बँसीधर मनमोहन सुहावे
बलबल जाऊँ मोरे मन भावे
सबरंग ग्यान बिचारी ॥

लिपिबद्ध स्वर
x 0
पम
मू S
रे S रे S सा S सा ध̣ S ऩी S ऩी सा सा
कृ S ष्ण मु रा S री S सु S छ्छ S गि रि
रे S सा S सा रे नी नी सां S
धा S री S बि सुं S ला S गे S ति
गम नीसां रेंसां नीसां नी मग
प्या S S S S S री S
S S नी नी
बं S सी S
सां सां सां सां नी रे सां S नी सां गं मं रे S सां S
मो सु हा S वे S जा S ऊँ S
नी धं नी सां धं S S S
मो रे भा S वे S रं ग्या S बि
गम पध नीसां रेंसां नीसां नीध मग
चा S S S S S री S

Read more...

ಕಾಯೋ ಕರುಣಾನಿಧೇ

Thursday, 7 March 2013

ಸಾಹಿತ್ಯ-ಮಹೀಪತಿದಾಸ


ಕಾಯೋ ಕರುಣಾನಿಧೇ ।
ಶ್ರೀಹರಿ ಖಗವರಗಮನ ॥

ಘೋರ ಸಂಸಾರದಿ ನಾ ಪರಿ ನೊಂದೆ ।
ವಾರಿ ಭವಭಯ ಅಘಕುಲಶಮನ ॥೧॥

ಗುರು ಮಹಿಪತಿ ಪ್ರಭೋ ಅನಾಥ ಬಂಧೋ ।
ಚರಣದ ಭಜನೆಯ ತಿಳಿಸೆನ್ನ ಮನ ॥೨॥

Read more...

शिवनामावल्याष्टकम्

Saturday, 2 March 2013

साहित्यम् - आदिशंकराचार्यः

हे चन्द्रचूड मदनांतक शूलपाणे स्थाणो गिरीश गिरजेश महेश शंभो ।
भूतेश भीतभयसूदन मामनाथम् संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥१॥

हे पार्वतीहृदयवल्लभ चन्द्रमौले भूताधिप प्रमथनाथ गिरीशजाप ।
हे वामदेव भवरुद्र पिनाकपाणे संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥२॥

हे नीलकंठ वृषभध्वज पञ्चवक्त्र लोकेश शेषवलय प्रमथेश शर्व ।
हे धूर्जटे पशुपते गिरिजापते माम् संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥३॥

हे विश्वनाथ शिव शंकर देवदेव गंगाधर प्रमथनायक नंदिकेश ।
बाणेश्वराधिकरपो हर लोकनाथ संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥४॥

वाराणसीपुरपते मणिकर्णिकेश वीरेश दक्षमखकाल विभो गणेश ।
सर्वज्ञ सर्वहृदयैकनिवास नाथ संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥५॥

श्रीमन्महेश्वर कृपामय हे दयालो हे व्योमकेश शितिकंठ गणाधिनाथ ।
भस्मांगराज नृकपालकलापमाल संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥६॥

कैलासशैलविनिवास वृषाकपे हे मृत्युञ्जय त्रिनयन त्रिजगन्निवास ।
नारायणप्रिय मदापह शक्तिनाथ संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥७॥

विश्वेश विश्वभवनाशक विश्वरूप विश्वात्मक त्रिभुवनैकगुणाभिवेश ।
हे विश्ववन्द्य करुणामय दीनबन्धो संसारदुःखगहनाज्जगदीश रक्ष ॥८॥

गौरीविलासभवनाय महेश्वराय पञ्चाननाय शरणागतकल्पकाय ।
शर्वाय सर्वजगतामधिपाय तस्मै दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

Read more...

ప్రెమ లేదని, ప్రేమించరాదని

Monday, 25 February 2013

సాహిత్యం-ఆత్రేయ
చిత్రం-అభినందన (౧౯౮౮)
సంగీతం-ఇళయరాజా
గానం-ఎస్.పి.బాలసుబ్రమణ్యం



ప్రెమ లేదని, ప్రేమించరాదని,
సాక్ష్యమే నీవని, నన్ను నేడు చాటనీ
ఓ ప్రియా జోహారులు ॥

మనసు మాసిపోతే మనిషే కాదని
కటికరాయికైనా కన్నీరుందని
వలపు చిచ్చు రగులుకుంటె ఆరిపోదని
గడియ పడిన మనసు తలుపు తట్టి చెప్పనీ
ఉసురుకప్పి మూగవోయి నీ ఉపిరి
మోడువారి నీడ తోడు లేకుంటిని ॥౧॥

గుఱుతు చేఱిపివేసి జీవించాలని
చెఱపలేకపోతే మరణించాలని
తెలిసికూడా చేయ్యలేని వెఱ్ఱివాడిని
గుండే పగిలిపోవువరకు నన్ను పాడనీ
ముక్కలలో లేక్కలేని రూపాలలో
మఱలమఱల నిన్ను చూసి రోదించనీ ॥౨॥

Read more...

दिल की ये आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले

Saturday, 5 January 2013

साहित्य - हसन कमाल
संगीत - रवि
चित्रपट-निकाह
गायन - महेन्द्र कपूर, सल्मा आघा


म: दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले
लो बन गया नसीब के तुम हम से आ मिले

स: देखें हमें नसीब से अब, अपने क्या मिले
अब तक तो जो भी दोस्त मिले, बेवफ़ा मिले

म: आँखों को एक इशारे की ज़हमत तो दीजिये
कदमों में दिल बिछादूँ इजाज़त तो दीजिये
ग़म को गले लगालूँ जो ग़म आप का मिले
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले

स: हम ने उदासियों में गुज़ारी है ज़िन्दगी
लगता है डर फ़रेब-ए-वफ़ा से कभी कभी
ऐसा न हो कि ज़ख़्म कोई फिर नया मिले
अब तक तो जो भी दोस्त मिले बेवफ़ा मिले

म: कल तुम जुदा हुए थे जहाँ साथ छोड़ कर
हम आज तक खड़े हैं उसी दिल के मोड़ पर
हम को इस इन्तज़ार का कुछ तो सिलह मिले
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले

स: देखें हमें नसीब से अब, अपने क्या मिले
अब तक तो जो भी दोस्त मिले, बेवफ़ा मिले

Read more...

फ़ज़ा भी है जवाँ जवाँ

साहित्य - हसन कमाल
संगीत - रवि
चित्रपट-निकाह


फ़ज़ा भी है जवाँ जवाँ, हवा भी है रवाँ रवाँ ।
सुना रहा है ये समा सुनी सुनी सी दास्ताँ ॥

पुकारते हैं दूर से, वो क़ाफ़िले बहार के ।
बिखर गये हैं रंग से, किसीके इन्तज़ार के ।
लहर लहर के होंठ पर, वफ़ा की हैं कहानियाँ ॥१॥

बुझी मगर बुझी नहीं, न जाने कैसी प्यास है ।
क़रार दिल से आज भी न दूर है न पास है ।
ये खेल धूप छाँव का, ये कुर्बतें ये दूरियाँ ॥२॥

हर एक पल को ढूँढता, हर एक पल चला गया ।
हर एक पल फ़िराक़ का, हर एक पल विसाल का ।
हर एक पल गुज़र गया, बनाके दिल पे इक निशाँ ॥३॥

वही घड़ी वही पहर, वही हवा वही लहर ।
नई हैं मंज़िलें मगर, वही डगर वही सफ़र ।
नज़र गई जिधर जिधर, मिली वही निशानियाँ ॥४॥

Read more...

बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी

साहित्य - हसन कमाल
संगीत - रवि
चित्रपट-निकाह


अभी अलविदा मत कहो दोस्तों
न जाने फिर कहाँ मुलाक़ात हो
क्योंकि ...

बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी ।
ख़्वाबों में ही हो चाहे मुलाक़ात तो होगी ॥

यह प्यार मे डूबी हुयी रँगीन फ़ज़ायें ।
यह चहरें यह नज़रें यह जवाँ रुत यह हवायें ।
हम जाये कहीं इनकी महक साथ तो होगी ॥१॥

फूलों की तरह दिल में बसाये हुए रखना ।
यादों के चिराग़ों को जलाये हुए रखना ।
लम्बा है सफ़र इस में कहीं रात तो होगी ॥२॥

यह साथ गुज़ारे हुए लम्हात की दौलत ।
जज़्बात की दौलत यह ख़यालात की दौलत ।
कुछ पास न हो पास यह सौग़ात तो होगी ॥३॥

Read more...

दिल के अरमाँ आँसुओं में बह गये

साहित्य - हसन कमाल
संगीत - रवि
चित्रपट - निकाह
गायन - सल्मा अाघा


दिल के अरमाँ आँसुओं में बह गये ।
हम वफ़ा करके भी तनहा रह गये ॥

ज़िंदगी एक प्यास बनकर रह गयी ।
प्यार के क़िस्से अधूरे रह गये ॥१॥

शायद उनका आख़्ररी हो यह सितम ।
हर सितम यह सोचकर हम सह गये ॥२॥

ख़ुद को भी हमने मिटा डाला मगर ।
फ़ासले जो दरमियाँ थे रह गये ॥३॥

Read more...

ದೀಪವು ನಿನ್ನದೆ ಗಾಳಿಯು ನಿನ್ನದೆ

Wednesday, 2 January 2013

ಸಾಹಿತ್ಯ - ಕೆ.ಎಸ್.ನರಸಿಂಹಸ್ವಾಮಿ
ಸಂಕಲನ - ಮೈಸೂರು ಮಲ್ಲಿಗೆ
ಸಂಗೀತ - ಸಿ.ಅಶ್ವಥ್
ಆಧಾರಿತ ರಾಗ - ದಿನ್-ಕಿ-ಪೂರಿಯಾ


ದೀಪವೂ ನಿನ್ನದೆ ಗಾಳಿಯೂ ನಿನ್ನದೆ, ಆರದಿರಲಿ ಬೆಳಕು।
ಕಡಲೂ ನಿನ್ನದೆ ಹಡಗೂ ನಿನ್ನದೆ, ಮುಳುಗದಿರಲಿ ಬದುಕು ॥

ಬೆಟ್ಟವೂ ನಿನ್ನದೆ ಬಯಲೂ ನಿನ್ನದೆ, ಹಬ್ಬಿ ನಗಲಿ ಪ್ರೀತಿ ।
ನೆಳಲೋ ಬಿಸಿಲೋ, ಎಲ್ಲವೂ ನಿನ್ನದೆ, ಇರಲಿ ಏಕರೀತಿ ॥೧॥

ಆಗೊಂದು ಸಿಡಿಲು ಈಗೊಂದು ಮುಗಿಲು, ನಿನಗೆ ಅಲಂಕಾರ ।
ಅಲ್ಲೊಂದು ಹಕ್ಕಿ ಇಲ್ಲೊಂದು ಮುಗುಳು, ನಿನಗೆ ನಮಸ್ಕಾರ ॥೨॥

ಅಲ್ಲಿ ರಣದುಂದುಭಿ, ಇಲ್ಲೊಂದು ವೀಣೆ, ನಿನ್ನ ಪ್ರತಿಧ್ವನಿ ।
ಆ ಮಹಾಕಾವ್ಯ, ಈ ಭಾವಗೀತೆ, ನಿನ್ನ ಪದಧ್ವನಿ ॥೩॥

Read more...

Popular Posts