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आपकी याद आती रही

Thursday, 30 January 2014

साहित्य - मक़दूम मोहिउद्दीन
संगीत - जयदेव
चित्रपट-गमन
गायन - छाया गांगुली


आपकी याद आती रही रात भर ।
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर ॥

रात भर दर्द की शम्मा जलती रही ।
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर ॥१॥

बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा ।
याद बन बनके आती रही रात भर ॥२॥

याद की चाँद दिल में उतरती रही ।
चाँदनी जगमगाती रही रात भर ॥३॥

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा ।
कोई आवाज़ आती रही रात भर ॥४॥


Chhaya Ganguly performs :

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