अजम् निर्विकल्पम्
Wednesday, 1 January 2014
साहित्यम् - आदिशंकराचार्यः
अजम् निर्विकल्पम् निराकारमॆकम्
निरानंदमानंदमद्वैतपूर्णं
परम् निर्गुणम् निर्विशॆषम् निरीहम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥१॥
गुणातीतमानम् चिदानंदरूपम्
चिदाभासकम् सर्वगम् ज्ञानगम्यम्
मुनिध्यॆयमाकाशरूपम् परॆशम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥२॥
जगत्कारणम् कारणज्ञानरूपम्
सुरादिम् सुखादिम् गुणॆशम् गणॆशम्
जगद्व्यापिनम् विश्ववंद्यम् सुरॆशम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥३॥
अजम् निर्विकल्पम् निराकारमॆकम्
निरानंदमानंदमद्वैतपूर्णं
परम् निर्गुणम् निर्विशॆषम् निरीहम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥१॥
गुणातीतमानम् चिदानंदरूपम्
चिदाभासकम् सर्वगम् ज्ञानगम्यम्
मुनिध्यॆयमाकाशरूपम् परॆशम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥२॥
जगत्कारणम् कारणज्ञानरूपम्
सुरादिम् सुखादिम् गुणॆशम् गणॆशम्
जगद्व्यापिनम् विश्ववंद्यम् सुरॆशम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥३॥
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