गुरु बिन ज्ञान ना पावे
Monday, 16 September 2013
राग - मारवा
ताल - द्रुत तीनताल
स्थायी
गुरु बिन ज्ञान ना पावे
मन मूरख काहे सोच सोच पछतावे ॥
अंतरा
सदगूरु की संगत कर रे
सब गुनयन में गुनी कहावे ॥
X | २ | 0 | ४ | ||||||||||||
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ध̣सा | सा | ध̣सा | ऩी | रे | |||||||||||
गु | रु | बि | S | न | |||||||||||
ऩी | S | ध̣ | S | ध̣ | S | ध̣ | ऩीरे | रे | S | ऩीध̣ | सा | सा | ऩीध̣ | ऩी | ऩी |
ज्ञा | S | S | S | न | S | ना | S | पा | S | वे | म | न | मू | S | र |
ध̣ | S | ऩी | ध̣ | ऩीध̣ | रे | ग | रे | ग | म́ | ध | म́ग | रे | गम́ | ध | म́ |
ख | S | का | S | हे | S | सो | S | च | S | S | सो | S | च | S | प |
ध | S | म́ध | म́ग | रेग | म́ध | म́ग | रेसा | ऩीध̣ | साऩी | रे | |||||
छ | S | ता | S | S | S | S | S | S | वे | S | |||||
म́ | ध | सां | S | सां | |||||||||||
स | द | गु | S | रु | |||||||||||
सां | S | धसां | S | सां | सां | सां | नीध | रेंनी | रें | S | रें | रें | रे | S | S |
की | S | सं | S | ग | त | क | र | रे | S | S | स | ब | S | S | S |
ऩीरे | नीध̣ | S | S | ध̣ | ऩी | रे | ग | म́ध | S | S | म́ | ध | S | S | ध |
S | S | S | S | गु | नि | य | न | में | S | S | गु | नी | S | S | क |
म́ध | म́ग | रेग | म́ध | म́ग | रेसा | ऩीध̣ | साऩी | रे | S | सा | |||||
हा | S | S | S | S | S | S | S | वे | S | S |
Audio links : Bhimsen Joshi
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