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आपकी याद आती रही

Thursday, 30 January 2014

साहित्य - मक़दूम मोहिउद्दीन
संगीत - जयदेव
चित्रपट-गमन
गायन - छाया गांगुली


आपकी याद आती रही रात भर ।
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर ॥

रात भर दर्द की शम्मा जलती रही ।
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर ॥१॥

बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा ।
याद बन बनके आती रही रात भर ॥२॥

याद की चाँद दिल में उतरती रही ।
चाँदनी जगमगाती रही रात भर ॥३॥

कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा ।
कोई आवाज़ आती रही रात भर ॥४॥


Chhaya Ganguly performs :

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अजम् निर्विकल्पम्

Wednesday, 1 January 2014

साहित्यम् - आदिशंकराचार्यः

अजम् निर्विकल्पम् निराकारमॆकम्
निरानंदमानंदमद्वैतपूर्णं
परम् निर्गुणम् निर्विशॆषम् निरीहम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥१॥

गुणातीतमानम् चिदानंदरूपम्
चिदाभासकम् सर्वगम् ज्ञानगम्यम्
मुनिध्यॆयमाकाशरूपम् परॆशम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥२॥

जगत्कारणम् कारणज्ञानरूपम्
सुरादिम् सुखादिम् गुणॆशम् गणॆशम्
जगद्व्यापिनम् विश्ववंद्यम् सुरॆशम्
परब्रह्मरूपम् गणॆशम् भजॆम ॥३॥

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