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नैन आकुलवा

Saturday, 2 March 2019

राग - जयजयवंती,
ताल - विलंबित तीनताल


स्थायी
नैन आकुलवा डोलत,
आसी बांधी हुये तुम अकीर ॥

अंतरा
संत असंत कौन यही नहीं मैं जानत भयी ॥

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