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भैरव - हम से करत तुम रार बालम

Saturday, 13 June 2015

राग - भैरव
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
हम से करत तुम रार बालम,
छोडो़ मोरी बैय्यां ॥

अंतरा
सगरी रैन मोरे तड़पत बीती,
तुम बिन कछु नाही सुहावे॥

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आहिर भैरव - बेग बेग आओ मंदिर

Thursday, 11 June 2015

रचना - महबूबख़ान 'दरस पिया'
राग - आहिर भैरव
ताल - द्रुत एकताल


स्थायी
बेग बेग आओ मंदिर,
बहुत दिनन बीते पिया ॥

अंतरा
सूझत कछु नाही मोहे,
निस दिन घड़ी पल छिन,
गुनिजन को "दरस पिया" ॥

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आहिर भैरव - शंकर मारारे


राग - आहिर भैरव
ताल - द्रुत तीनताल


स्थायी
शंकर मारारे पशुपते,
त्रिपुरारे भवारे ॥

अंतरा
गिरिजाधांग सोमधर महेश,
भस्मांग अब कृपा करो ॥

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आहिर भैरव - मन रंगीले

रचना - नियामत ख़ान 'सदारंग'
राग - आहिर भैरव
ताल - विलंबित एकताल


स्थायी
मन रंगीले, ये सवेरा, नैना सुख दायिये ॥

अंतरा
'सदारंगीले' सुहाग सब से सुख दायिये ॥

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